सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा
आर न सूझें पार न सूझें
और कोई द्वार दूजा द्वार न सूझें
कौन ठिकाने जाऊं मैं मैया
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
बचपन बीता यौवन बीता
दरस भएं न तिहार
दर दर मैं भटक रहा हूं
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
लगी हुई है लाज की बाजी
दर्शन तेरे मांगे,ये तेरा पुजारी
मेरी विपदा आन हरो मैया
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
दुःख के दिन बीते नही
अंखियन में है अंसुवन की माला
तड़प रहा हूं जल की मछली जैसा
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
तुम प्यार का सागर हो मां
तेरी एक बूंद की प्यासे हैं हम
सबकी नैया पार लगाने वाली
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
जिसका कोई नही है जग में मैया
उसका तुम ही सहारा हो
बुझ न जाएं दीप मेरा कही
सुन लो मेरी पुकार मां दुर्गा।
नूतन लाल साहू
Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Oct-2023 10:48 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
Reply
Abhinav ji
14-Oct-2023 08:16 AM
Very nice 👍
Reply
Punam verma
14-Oct-2023 07:54 AM
Nice👍
Reply